हाइलाइट्स:
- दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में उत्तर रेलवे (Northern railway) ने लोकल ट्रेन (Local Trains) की सेवा शुरू कर दी है
- यूं तो उत्तर रेलवे ने 39 लोकल/पैसेंजर/ईएमयू ट्रेनों को मेल/एक्सप्रेस स्पेशल बनाकर चलाना शुरू कर दिया है, लेकिन दैनिक यात्रियों को राहत मिलने के बजाए टेंशन हो रहा है
- टेंशन की वजह यह है कि वह अपने निवास से दिल्ली तो पहुंच तो जाएंगे, लेकिन फिर वापस कैसे पहुंचेंगे
- कोरोना काल से पहले दिल्ली एनसीआर में सैकड़ों लोकल और पैसेंजर ट्रेन चलते थे, लेकिन अभी महज 39
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में उत्तर रेलवे ने लोकल ट्रेन की सेवा तो शुरू कर दी है। लेकिन दैनिक यात्री इसे सुविधा कम, टेंशन के रूप में ज्यादा देख रहे हैं। टेंशन की वजह यह है कि वह अपने निवास से दिल्ली तो पहुंच तो जाएंगे, लेकिन फिर वापस कैसे पहुंचेंगे। क्योंकि, रेलवे के NTES ऐप पर लौटने के लिए ट्रेन दिख नहीं रही है। यही पहीं, पहले दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में सैकड़ों लोकल और पैसेंजर ट्रेन चलते थे, जिससे यात्रियों को काफी विकल्प मिल जाता था।
11 महीने बाद पटरी पर लौटे लोकल ट्रेन
कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के 11 महीनों बाद दिल्ली एनसीआर में आज से पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ है। उत्तर रेलवे ने 39 लोकल/पैसेंजर/ईएमयू ट्रेनों को मेल/एक्सप्रेस स्पेशल बनाकर चलाना शुरू कर दिया है। यूं तो स्पेशल ट्रेनों का ऑपरेशन काफी पहले से शुरू हो गया है, लेकिन उसमें रिजर्व टिकट पर ही सफर होता था। आज से जो ट्रेनें चली हैं, उसमें अनरिजर्व या चालू टिकटों पर भी सफर हो सकती है। हालांकि, अभी ट्रेनों की संख्या काफी कम है। इन ट्रेनों में पहले पैसेंजर टिकट लगता था वह अब मेल एक्सप्रेस का टिकट लगेगा। मतलब कि जो यात्रा पहले पांच या दस रुपये में हो जाती थी, उसके लिए अब कम से कम 30 रुपये खर्च करने होंगे।
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ट्रेन नंबर को लेकर कंफ्यूजन
आज सुबह 9 बजे गाजियाबाद से शकूरबस्ती के लिए 04409 ईएमयू मेल/एक्सप्रेस स्पेशल चली, जो 9.43 पर नई दिल्ली पहुंच गई। वहीं 04211 आगरा इंटरसिटी एक्सप्रेस स्पेशल सुबह 6 बजे आगरा से चली, जो 17 मिनट की देरी से 9.43 पर तिलक ब्रिज पहुंची। इन ट्रेनों के नंबर को पुराने ट्रेन के नंबर से अलग कर दिया गया है। इससे दैनिक यात्रियों के बीच ट्रेनों के नंबर को लेकर confusion है। दैनिक यात्री रेलवे के मोबाइल ऐप और इंटरनेट पर पुरानी ट्रेनों के नंबर के हिसाब से चेक कर रहे हैं, तो कुछ नहीं दिखाया। इसकी वजह से आज सुबह कई यात्रियों का गाजियाबाद से 9 बजे वाली ट्रेन छूट गई।
दिल्ली तो पहुंच गए लेकिन वापस कैसे लौंटेंगे
दैनिक यात्री मोहित बताते हैं कि इंटरनेट पर गाजियाबाद से शिवाजी ब्रिज जाने की ट्रेन तो दिख रही है, वहां शिवाजी ब्रिज से गाजियाबाद आने की कोई ट्रेन नहीं दिख रही है। ऐसे में यात्री शाम में अपने घर कौन सी ट्रेन से लौटेगा? उनका कहना है कि ट्रेनों की संख्या भी एक या दो ही है। दैनिक यात्री संघ, पालम दिल्ली-रेवाड़ी रूट के महासचिव बालकृष्ण अमरसरिया का कहना है कि उनके रूट पर अब तक रेलवे ने ट्रेन नहीं दी है। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से ट्विटर के जरिए अपील करते हुए लिखा कि रेवाड़ी रूट पर भी पैसेंजर ट्रेन चलाई जाए।
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