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मुंबई8 मिनट पहले
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केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 (54/6) के अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से ज्यादा है तो उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी
- अभी पेंशन की अधिकतम सीमा महीने में 45 हजार रुपए थी
- सातवें वेतन आयोग के आधार पर अब मिलेगी पेंशन
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के परिवार वालों के लिए बड़ी घोषणा की है। सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिवार को पेंशन के रूप में अब 1.25 लाख रुपए मिलेगा। अभी यह सीमा अधिकतम 45 हजार रुपए थी। यानी इसमें ढाई गुना इजाफा किया गया है।
संसद में दी गई जानकारी
संसद में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अधिकतम सीमा अब 1.25 लाख रुपए की होगी। यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मौत होती है तो उस पर निर्भर परिवार के सदस्यों को यह पेंशन मिलेगी। इससे उनके जीवन जीने में आसानी होगी।
पति या पत्नी को मिलती है पेंशन
बता दें कि अभी तक अगर किसी परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है और उसकी नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो उस पर निर्भर पति या पत्नी को पेंशन मिलती है। अगर पति और पत्नी दोनों सरकारी नौकरी में हैं और दोनों की मौत होती है तो फिर उनके बच्चों को दो फैमिली पेंशन मिलती है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि डिपॉर्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर ने इस बारे में एक स्टेटमेंट जारी किया है। इसके मुताबिक अगर पति और पत्नी सरकारी नौकरी में हैं तो उनके बच्चों को कितनी पेंशन मिलेगी, यह तय किया गया है। कई मंत्रालयों और विभागों से मिले रेफरेंस के आधार पर यह जारी किया गया है।
छठें वेतन आयोग में 45 हजार रुपए अधिकतम पेंशन थी
छठें वेतन आयोग के मुताबिक, 90 हजार रुपए की सैलरी का अधिकतम पेमेंट 50 पर्सेंट और 30 पर्सेंट अब तक पेंशन के लिए था। 7 वें वेतन आयोग में अधिकतम सैलरी को बदल कर 2.5 लाख रुपए प्रति महीने करने की सलाह दी गई थी। ऐसे में पेंशन की भी रकम को अब बदल दिया गया है। यानी महीने में इसका 50 पर्सेंट अब 1.25 लाख रुपए होगा। जबकि 30 पर्सेंट में यह 75 हजार रुपए होगा।
दिव्यांग सदस्य है तो जीवन भर मिलेगी पेंशन
नए नियमों के मुताबिक अब सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद अगर उसके परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य है तो उसे पेंशन के लिए ज्यादा भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। वह जीवन भर पेंशन पाने का भी हकदार होगा।
अभी क्या था नियम
बदलाव से पहले नियमों के मुताबिक सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद सिर्फ उसकी पत्नी को पेंशन मिलती थी। परिवार के किसी भी दूसरे सदस्य को पेंशन नहीं दी जाती थी। अगर पीड़ित के घर में बच्चे हैं और उनमें से कोई मानसिक या शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है तो उसे किसी तरह की पेंशन नहीं मिलती थी। ऐसे में दिव्यांग आश्रितों के लिए पेट भरना भी मुश्किल पड़ रहा है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए पेंशन नियमों में बदलाव किए गए हैं।
पेंशन नियम में बदलाव के बाद क्या होगा
अगर कोई दिव्यांग निर्भर है तो नए नियमों के अनुसार जीवन भर पेंशन मिलेगी। दिव्यांग को बहुत जल्द ही नए नियमों के मुताबिक पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 (54/6) के अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से ज्यादा है तो उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी।अगर आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से 30 पर्सेंट से कम है तो मृतक आश्रितों को जीवन भर पेंशन पाने का अधिकार होगा।