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मुंबई18 मिनट पहले
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जुलाई 2019 में मुकेश अंबानी ने कहा था कि ओ 2 सी को अलग करने की प्रक्रिया में एक अलग सब्सिडियरी 2021 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी। रिलायंस, गुजरात के जामनगर में 68.2 मिलियन टन प्रतिवर्ष की संयुक्त क्षमता के साथ दो ऑयल रिफाइनरियों की मालिक है
- कंपनी केजी-डी 6 ब्लॉक में 66.6 पर्सेंट हिस्सेदारी रखती है
- पिछले साल एक अलग कंपनी में ओ 2 सी बिजनेस को ट्रांसफर करने का काम शुरू किया गया
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बड़ी घोषणा की है। इसने अपने ऑयल टू केमिकल (तेल से रसायन कारोबार) के लिए एक अलग सब्सिडियरी बनाने का काम पूरा कर लिया है। इसी के साथ इसने ऑयल से केमिकल बिजनेस को अलग कर लिया है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी है।
सउदी अरामको की डील लटकी हुई है
बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की डील सउदी अरामको के साथ काफी पहले से लटकी हुई है। हालांकि हाल में खबरों के मुताबिक, यह डील चल रही है और जल्दी पूरी हो जाएगी। इसके तहत कंपनी 20 पर्सेंट हिस्सेदारी रिलायंस में बेचेगी। कंपनी का कहना है कि इस कदम से उसे रणनीतिक साझेदारों के साथ वृद्धि के अवसरों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी की तेल-से-रसायन इकाई में पेट्रोरसायन इकाइयां और रिटेल ईंधन कारोबार शामिल है। इसमें केजी-डी6 जैसे तेल व गैस उत्पादक क्षेत्र तथा कपड़ा व्यवसाय शामिल नहीं है।
तिमाही रिजल्ट में दी थी ओटूसी बिजनेस की कमाई की जानकारी
रिलायंस ने पहली बार अपनी तीसरी तिमाही के रिजल्ट में O2C व्यवसाय की कमाई की जानकारी दी थी। पहले, रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबार अलग से रिपोर्ट किए जाते थे। अक्टूबर-दिसंबर 2020 की कमाई के बयान में, रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल के साथ-साथ ईंधन रिटेलिंग व्यवसायों की कमाई एक साथ बताई गई थी।
पिछले साल अलग करने का काम शुरू किया था
सऊदी अरामको जैसी कंपनियों को संभावित हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रिलायंस ने पिछले साल एक अलग इकाई में ओ 2 सी बिजनेस को ट्रांसफर करने का काम शुरू किया। जुलाई 2019 में अंबानी ने कहा था कि ओ 2 सी को अलग करने की प्रक्रिया में एक अलग सब्सिडियरी 2021 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी। रिलायंस, गुजरात के जामनगर में 68.2 मिलियन टन प्रतिवर्ष की संयुक्त क्षमता के साथ दो ऑयल रिफाइनरियों की मालिक है।
कंपनी केजी-डी 6 ब्लॉक में 66.6 पर्सेंट हिस्सेदारी रखती है जहां वह बीपी के साथ गैस खोजों का दूसरा सेट विकसित करने में लगभग 5 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश कर रही है।