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नई दिल्ली12 मिनट पहले
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लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद केंद्र सरकार ने टिकटॉक, यूसी वेब समेत चीन के 250 से ज्यादा ऐप पर बैन लगाया था।
- जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप करा रहा दोनों कंपनियों में बातचीत
- ग्लांस की पैरेंट कंपनी इनमोबी रोपोसो का संचालन करती है
चीन की दिग्गज इंटरनेट कंपनी बायडांस अपने शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक की भारतीय संपत्ति को बेचने की संभावना तलाश कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टिकटॉक की संपत्ति को लेकर बायडांस अपने प्रतियोगी प्लेटफॉर्म ग्लांस (Glance) से बातचीत कर रही है।
जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप करा रहा है बातचीत
रिपोर्ट में इस मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बायडांस और ग्लांस के बीच जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प बातचीत करा रहा है। यह बातचीत काफी प्राइवेट तरीके से हो रही है और अभी प्रारंभिक चरण में है। ग्लांस की पैरेंट कंपनी इनमोबी (InMobi) रोपोसो (Roposo) नाम से अपना शॉर्ट वीडियो ऐप संचालित करती है। जुलाई में टिकटॉक पर बैन के बाद रोपोसो भारत में काफी पॉपुलर हो गया है।
सॉफ्टबैंक का इनमोबी-बायडांस दोनों में निवेश
सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प का इनमोबी Pte और टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बायडांस, दोनों में निवेश है। हालांकि, इस रिपोर्ट पर सॉफ्टबैंक, बायडांस और इनमोबी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पिछले महीने बायडांस ने भारत में कार्यरत 2000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। भारत में दोबारा ऑपरेशन शुरू होने पर अनिश्चितता के कारण कंपनी ने यह फैसला लिया था।
सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर स्थायी बैन लगाया
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद केंद्र सरकार ने टिकटॉक, यूसी वेब समेत चीन के 250 से ज्यादा ऐप पर बैन लगाया था। पिछली महीने सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर स्ठायी बैन लगा दिया था। सरकार ने प्राइवेसी और कंप्लायेंस के मुद्दे को लेकर स्थायी बैन लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि दोनों कंपनियों के बीच बातचीत आगे बढ़ती है तो भारत सरकार टिकटॉक के डाटा और तकनीक को देश की सीमा के भीतर रखने पर जोर देगी।