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मुंबई17 मिनट पहले
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बता दें कि 2018 और 2019 में पांच महीने के अंतराल पर इंडोनेशिया और इथोपिया में 737 मैक्स विमान क्रैश हुए थे। इन हादसों में 346 लोगों की जान गई थी
- कमर्शियल उड़ान के इतिहास में अब तक सबसे लंबे अवधि यानी करीब 20 महीने तक बोइंग के ये विमान उड़ान नहीं भर सके
करीबन दो साल बाद एक बार फिर से अमेरिकन एयरलाइंस ने बोइंग 737 मैक्स को लांच कर दिया है। यह पहली कमर्शियल फ्लाइट इस बोइंग की होगी। दो साल पहले दो लगातार घटनाओं के बाद बोइंग 737 मैक्स को बंद कर दिया गया था। इसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।
सबसे ज्यादा बिकने वाला एयरक्राफ्ट
बता दें कि बोइंग का मैक्स सबसे ज्यादा बिकने वाला एयरक्राफ्ट रहा है। पर दो सालों से पूरे विश्व में इसके बंद होने से कंपनी लगातार संघर्ष कर रही थी। इसे करीबन डेढ़ लाख करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में एयरलाइंस बंद हो गईं।
टेक्निकल मुद्दों पर काम कर रहा था
बोइंग लंबे समय से एविएशन रेगुलेटर के साथ टेक्निकल मुद्दों को लेकर काम कर रहा था। इसके साथ ही पाइलट ट्रेनिंग को भी सुधारा जा रहा था ताकि जो बड़े देश हैं वे फिर से इसकी सेवा शुरू कर सकें। अमेरिकी कैरियर्स की पहली प्लेन सेवा में जो आई है वह अमेरिकन फ्लाइट 718 है। यह करीबन 100 यात्रियों को मियामी से भरकर न्यूयार्क में उतरी। वापस न्यूयार्क से मियामी के दौरान इसमें 172 यात्रियों ने यात्रा की।
एयरलाइंस के प्रेसीडेंट रॉबर्ट इसोम ने कहा कि यह ऐसा एयरक्राफ्ट है जो इससे पहले के एयरक्राफ्ट की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। हमें विश्वास है कि यह एयरक्राफ्ट आसमान में काफी सुरक्षित रहेगा।
कुछ महीने पहले मिली थी मंजूरी
बता दें कि इससे पहले बोइंग कंपनी को अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने 737 मैक्स जेट उड़ाने की अनुमति कुछ महीने पहले दी थी। भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए ने भारतीय आकाश में बोइंग 737 मैक्स विमानों को उड़ान भरने की अनुमति देने से पहले एफएए के फैसले का अध्ययन करने का निर्णय लिया था।
कई बदलाव करने पड़े
बोइंग को कामर्शियल उड़ानें बहाल करने से पहले अनिवार्य रूप से एफएए के विस्तृत साफ्टवेयर अपग्रेड करने के साथ प्रशिक्षण में बदलाव भी करना पड़ा है। कमर्शियल उड़ान के इतिहास में अब तक सबसे लंबे अवधि यानी करीब 20 महीने तक बोइंग के ये विमान उड़ान नहीं भर सके। उल्लेखनीय है 2018 और 2019 में पांच महीने के अंतराल पर इंडोनेशिया और इथोपिया में 737 मैक्स क्रैश हुए थे। इन हादसों में 346 लोगों की जान गई थी जिसके बाद कई तरह की जांच का सिलसिला शुरू हो गया था। वैश्विक उड्डयन अगुआ अमेरिकी कंपनी निशाने पर आ गई थी और इसे काफी नुकसान उठाना पड़ा।