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आप नतीजा देखेंगे तो आपको ड्रॉ नजर आएगा लेकिन उसके पीछे की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कई बार ड्रॉ किसी जीत से कम नहीं होती। जब सामने वाली टीम, क्रिकेट के जानकार, दर्शक और यहां तक कि आपके प्रशंसक भी यह मान रहे हों कि अब हार निश्चित है तो वहां से मैच को पहले जीत की ओर ले जाना और फिर वहां से ड्रॉ करवा लेना कोई छोटी बात नहीं भारत ने सिडनी में वही किया। लग रहा था कि 407 रनों का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। ऋषभ पंत के धमाके ने उम्मीद जताई। उनके आउट होने के बाद भारत ने रणनीति बदली और यह सुनिश्चित किया कि ऑस्ट्रेलिया को कोई बढ़त न मिले।
India vs Australia: भारत ने दिखाया जज्बा- तेंडुलकर, गांगुली, पॉन्टिंग समेत सभी हुए मुरीद